उत्तर प्रदेश के चार और शहरों में जल्द ही पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया जा सकता है। क्राइम रेट को कम करने के लिए योगी सरकार का प्रयागराज समेत पश्चिमी यूपी के तीन जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की तैयारी है। योगी सरकार अपराधों और भ्रष्टाचार में काबू पाने के लिए पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। यही वजह है कि पिछले तीन दिनों में 2 डीएम और एक एसएसपी को सस्पेंड किया जा चुका है।
बताया जा रहा है कि योगी सरकार ने आगरा, मेरठ, गाजियाबाद और प्रयागराज में भी व्यवस्था लागू करने का प्लान बना रहे है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने गृह विभाग को इसके लिए समीक्षा का निर्देश दे दिया है। हाल ही में लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी और कानपुर में इस प्रणाली को लागू किया जा चुका है। सीएम योगी के निर्देश पर इसको लेकर डीजीपी मुख्यालय में एक कमेटी बनाई गई है जो पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था की कमियां और सुधार के संबंध में मंथन करेगी।
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पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने से क्या होंगे बदलाव
भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत जिलाधिकारी यानी डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के पास पुलिस पर नियत्रंण के अधिकार भी होते हैं। डीएम पद पर आईएएस अधिकारी बैठते हैं। लेकिन पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो जाने के बाद डीएम के बहुत से अधिकार पुलिस अफसर को मिल जाते हैं, जो एक IPS होता है। वर्तमान व्यवस्था में पुलिस अधिकारी भी डीएम या मंडल कमिश्नर या फिर शासन के आदेश अनुसार ही कार्य करते हैं।
यूूपी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद अपराध नियंत्रण को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में जनता के इस भरोसे को बनाए रखने के लिए कई और बड़े शहरों में भी स्टेप-बाई-स्टेप पुलिस आयुक्त प्रणाली का विस्तार किया जाएगा। वहीं यूपी के कई और बड़े शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो सकती है। इसे लेकर साल के अंत तक फैसला लिया जा सकता है।
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