देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। जिसके साथ ही उन्होंने केई कार्यक्रमों का आधारशिला से लेकर शिलान्यास भी किया था। ऐसे में उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी थी। जिसे लेकर पाकिस्तानी आवाम में खलबली मच गई थी, उन्होंने पीएम के कार्यक्रम पर आपत्ति जताया। जिसे देखते हुए आज विदेश मंत्रालय ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पाकिस्तान को खुब खड़ी-खोटी सुनाते हुए जमकर हमला बोला हैं।
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क्या हैं पुरा मामला?
दरअसल पुरा मामला ये था कि रविवार को प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर चिनाब नदी के ऊपर रतले और क्वार पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला रखी थी, जिसको लेकर पाकिस्तान ने ये कहा था कि ये सिंधु जल संधि का उल्लंघन हुआ है। हालांकि बरसों से पाकिस्तान की ये गिदड़-भभकीयां भारत की तरक्की देखकर जारी रहती है। लेकिन विदेश मंत्रालय ने अपने दिए बयान में साफ कहा है की पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं हैं। साथ ही कश्मीर में हो रहें प्रधानमंत्री के विकास कार्यों को लेकर पाकिस्तानी हुकूमत बौखला चुकी हैं।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को लगाई कड़ी फटकार
बात करें पाकिस्तान की हरक्तों की तो भारत ने अपना रुख बिल्कुल ही साफ कर रखा हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार अगर पाकिस्तान अपने यहां पल रहें आतंकवाद और उनके आतंकियों को जड़ से खत्म करें साथ ही शांति और अमन को बहाल करें तभी शांतिपूर्ण तरिके से भारत भी उनसे बातचीत करने को तैयार है। आजादी के समय से ही पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को पाने के लिए सालों से हर तरह की हरक्तें करते हुए आया हैं। चाहें वो कश्मीर की घाटियों में आतंकवादियों को भेजना हो या कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद के तरफ भड़काना अपनी सारी हरकतों से आज तक वो बाज नहीं आया हैं। पाकिस्तान को पहले अपने देश की मौजूदा स्थिति को सुधारना चाहिए फिर किसी और के मुद्दे में हस्तक्षेप करना चाहिए।
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