भारत का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में आए दिन सियासी उठा पटक देखने को मिलता रहता हैं। चाहें सत्ता पर विराजमान किसी की भी सरकार मौजूद क्यों न हो? आज फिर से एकबार Madhya Pradesh कि सियासत में हेर-फेर होता हुआ दिखाई दिया। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा से नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे डाला हैं। हालांकि इसकी क्या बड़ी वजह हो सकती है ये तो अब आने वाला वक्त ही बता पाएगा, लेकिन क्याश तो यहीं लगाया जा रहा है कि आने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस की कोई नई चाल हो सकती है। उनकी जग़ह अब कांग्रेस ने डॉ. गोविंद सिंह को अपना नेता प्रतिपक्ष चुना है।
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क्या हैं कांग्रेस की रणनीति?
सियासी गलियारों से ऊठ रही हवाओं से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले साल मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव के कारण कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जारी करते हुए पत्र में कहा की कांग्रेस विधायक दल के नेता के रुप में आपका इस्तीफा स्वीकार कर लिया हैं। साथ ही पार्टी आपके काम और योगदान की प्रशंसा करती हैं। हालाकि सूत्रों की माने तो पिछले कुछ समय से कमलनाथ को लेकर कांग्रेस पार्टी में जोरों से चर्चाएं का विषय गरमाने लगा था। जिसका मुख्य कारण विरोधियों का एकजूट होना माना जा रहा है। इसी वजह से कमलनाथ ने अभी तक अपने पास प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल कर रखा था। जिसके कारण उनके पास अभी तक नेता प्रतिपक्ष का पदभार भी रखा हुआ था।
हालांकि रिपोर्ट्स की माने तो कमलनाथ ने कुछ दिन पहले विधानसभा की कार्यवाही को बकवास बताया था। जिसे लेकर विपक्ष उनपर काफी हमलावर साबित भी हुई थी। विपक्ष द्वारा कमलनाथ के ऊपर कार्यवाही की मांग भी तेजी से हुई थी। लेकिन सारे सियासी उठा-पटक के बाद कांग्रेस के विधायक दल की सहमति से डॉ. गोविंद सिंह को विधायक दल का नेता चुना गया हैं। जिसके साथ ही कांग्रेस ने उनके ऊपर विश्वास जाहिर करते हुए नई जिम्मेदारी सौंप दी है।
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