सोमवार को विश्व कविता दिवस पर वाणी प्रकाशन ने IPS अधिकारी और प्रतिष्ठित कवि मृत्युंजय कुमार सिंह द्वारा रचित खंड काव्य ‘द्रौपदी’ का विमोचन किया गया. जिसको लेकर कोलकाता के नंदन सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. खंड काव्य ‘द्रौपदी’ का विमोचन वरिष्ठ कवि अरुण कमल, बांग्ला कवि सुबोध सरकार और कोलकाता विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजश्री शुक्ल के कर कमलों द्वारा किया गया. कार्यक्रम में राज्य के कई वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों समेत प्रतिष्ठित कवि मौजूद रहे.

कोलकाता कविता का शहर- अरूण कमल
कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिंदी के वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने की. इस दौरान उन्होंने पुस्तक पर अपनी बात रखते हुए कई पहलुओं पर चर्चा की और कहा कि यूनेस्को को कोलकाता को कविता का शहर घोषित करना चाहिए. बंगाल देश में अकेला राज्य है, जहां कविता की अकादमी है. कोलकाता कविता का शहर भी है. इस शहर में कविता की एक महान परंपरा रही है और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर एक से बढ़कर एक कवि यहां हुए हैं.

आगे उन्होंने कहा कि, यह पुस्तक द्रौपदी के माध्यम से ढेर सारे सवाल हमारे सामने खड़े करती है. उन्होंने इस किताब के लेखक मृत्युंजय कुमार सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि पुलिस सेवा में होते हुए उन्होंने जिस तरह साहित्य में इतनी गहरी रूचि रखते हुए एक के बाद एक अपनी रचनाएं और किताबें लिखी हैं, वह वास्तव में बहुत कठिन काम है.
‘द्रौपदी’ समाज को समर्पित- मृत्युंजय कुमार सिंह
वहीं, पुस्तक के लेखक मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि, मैंने अपने आसपास कई द्रौपदियां देखी हैं. इनका दर्द हमेशा मेरे साथ रहा है. इन सबका जीवन इस किताब के प्रेरणास्रोत की तरह रहा है. उन्होंने इस किताब के कुछ हिस्सों को गाकर पाठ भी किया. उन्होंने कहा कि अब मैं इस किताब को समाज को समर्पित करता हूं और अब इस पर पाठकों का अधिकार है. भारतीय समाजशास्त्रियों एवं साहित्यकारों के लिए भी द्रौपदी हमेशा से चर्चा का विषय रही हैं.
Follow us for More Latest News on
Author- @admin
Facebook- @digit36o
Twitter- @digit360in
Instagram- @digit360in