अमेरिका दौरे से वापिस आएं External Affair Minister S Jaishankar (विदेश मंत्री एस जयशंकर) का एक बयान खूब चर्चा का विषय बना हुआ था। जिसमें उन्होंने यूरोपीय देशों समेत अमेरिका को रूस-यूक्रेन युद्ध मुद्दे पर दो टुक बयान दिया था। वहीं अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज रायसीना के डायलॉग सत्र कार्यक्रम में कहा कि भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से रिश्तें निभाएगा और इसमें भारत को किसी की सलाह लेने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा की ‘वो कौन हैं समझकर दुनिया को खुश रखने की जगह, हमें अब इस आधार पर दुनिया से संबंध बनाना चाहिए कि हम कौन हैं’। विश्व हमारे बारे में अब बताएं और हम सारे देशों से अनुमति लें वाला दौर खत्म हो चुका हैं। विदेश मंत्री ने ये भी कहा है कि अगले 25 सालों में भारत वैश्विककरण का केंद्र बन जाएगा।
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Raisina Dialogue 2022 सत्र में विदेश मंत्री का बयान
रायसीना के डायलॉग सत्र में विदेश मंत्री ने कहा की जब हम 75 सालों में पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमें सिर्फ वो बीते हुए 75 साल नहीं देखते बल्कि आने वाले वो 25 साल भी देखते हैं। हमने अबतक क्या पाया और किस चीज में हम विफल रहें? उन्होंने कहा कि एक चीज जो हमें अब विश्व को बताने में कामयाब रहे वो ये कि भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं। आज के वक्त की सच्चाई ये है कि लोकतंत्र ही आने वाला भविष्य हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि युद्ध रोकने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका यही हैं कि दोनों देश सब चीज भूलकर बातचीत की टेबल पर आ जाएं।
रूस के साथ व्यापार को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ व्यापार को लेकर हमें यूरोप से सलाह मिली हैं कि हमें रूस के साथ और व्यापार नहीं करना चाहिए। अब कम से कम हम किसी देश को सलाह देने नहीं जाते।
उन्होंने कहा कि अब यूरोप के लिए जागने का समय आ चुका हैं कि वो एशिया की तरफ भी देखें। एशिया दुनिया का हिस्सा है। जहां अस्थिर सीमाएं और आंतकवाद जैसी समस्याएं हैं। विश्व को समझना होगा कि समस्याएं आने वाली नहीं बल्कि आ चुकी हैं।
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