नई दिल्ली में राष्ट्रीय वनीकरण एवं पर्यावरण विकास बोर्ड की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें तेरह नदियों के कायाकल्प को लेकर डीपीआर को विमोचित किया गया. कार्यक्रम में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे मौजूद रहे. साथ ही कार्यक्रम में विभिन्न राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े.
इस समय देश में नदी पारिस्थितिक तंत्र का सिकुड़ना और घटता जल स्तर बड़ी समस्या है. बढ़ते जल संकट से राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न हो रही है. जिसको देखते हुए तेरह प्रमुख नदियों झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज, यमुना, लूनी, नर्मदा, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी और ब्रह्मपुत्र के कायाल्प के लिए एक डीपीआर को प्रस्तावित किया गया.
बता दे कि डीपीआर में नदियों के कायाकल्प को लेकर कुल 13 उपचार और वृक्षारोपण का मॉडल प्रस्तावित है. प्राकृतिक भूदृश्य के लिए 283 उपचार मॉडल, कृषि भूदृश्य में 97 उपचार मॉडल और शहरी भूदृश्य में 116 उपचार मॉडल प्रस्तावित है.
इन 13 DPR का प्रस्तावित संचयी बजट 19,342.62 करोड़ रुपए है. DPR को राज्य वन विभागों को को नोडल विभाग के रूप में कार्यान्वित किए जाने का प्रस्ताव है, DPR में प्रस्तावित गतिविधियों से हरित आवरण बढ़ाने, मिट्टी कटाव को रोकना, भूमि में जल संचय आदि कार्यों में मदद मिलेगी.
गौरतलब है कि, इस समय ये तेरह नदियां 18,90,110 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है. जो देश का 57.45 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र है. इन नदियों की लंबाई 202 सहायक नदियों समेत 42,830 किमी है.
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